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दृष्टिहीन महिला और उसके बेटे के के हत्यारों कों हरिद्वार पुलिस ने पहुँचाया अंजाम तक,कोई नहीं था पूछने वाला कप्तान के निर्देश पर पुलिस बनी वादी,लालची दरोगा समेत तीन को जेल,

NEWS / THE POLICE TODAY

हरिद्वार / अपराधी जितना भी चालाक क्यों हो पुलिस उसे ढूंढ़ ही लेती है, कानून और नियम सभी के लिये बराबर है ये बात पुलिस कि इस कार्यवाही से स्पस्ट होती है, ज़ब पुलिस निष्पक्ष होकर ईमानदारी से अपना कार्य करती है तो जनता के बीच पुलिस के प्रति प्रेम और भावनाओं के साथ साथ विस्वाश भी मजबूत हो जाता है, हरिद्वार पुलिस लगातार ऐसे खुलासे कर रही है जिनके कारण हरिद्वार या उत्तराखण्ड मे ही नही बल्कि पुरे देश मे हरिद्वार पुलिस कि वाहवाही हो रही है,

हरिद्वार से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे अगर हरिद्वार पुलिस स्वयं वादी न बनती तो शायद ही निर्दोष माँ बेटे कि आत्मा कों शांति मिल पाती, और हत्यारे स्वयं को सफल समझकर आगे भी न जाने कितनी और अपराधिक वारदात को अंजाम देते,

बता दें कि हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के ईमानदार एवं निष्पक्ष नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने समाज को झकझोर देने वाली हकीकत से पर्दा उठाकर समाज के सामने खाकी की वह छवि पेश की है जिसमें गलत को गलत और सही को सही साबित करने में किसी भी प्रकार की लेटलतीफी, लापरवाही या गैरजिम्मेदाराना रवैये की कोई जगह नही है।

जनता कि नजर से ओझल इस प्रकरण की शुरुआत झबरेड़ा क्षेत्र के एक नाले से होती है जहां एक अज्ञात युवक का शव बरामद होता है। स्थानीय स्तर पर दी गई सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव के पंचायतनामें की कार्यवाही करने के साथ ही युवक की पहचान के प्रयास शुरु किए ।

मृतक की कमीज पर अंकित टेलर के टैग/ विजिटिंग कार्ड की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम पहले टेलर और उसके बाद मृतक के बताए जा रहे घर पर पहुंची तो जानकारी मिली कि मृतक की मां ने बीते वर्ष के दिसंबर माह में एक मकान की रजिस्ट्री 20 लाख रुपए में कर कुछ दिन पहले ही नए मकान मालिक को कब्जा दिया था। लेकिन कब्जा देने के बाद मृतक और मृतक की दृष्टिहीन माता कुछ अन्य लोगों के साथ वहां से चली गई थी।

कार्यवाही का फीडबैक ले रहे एसएसपी हरिद्वार द्वारा अपनी ईमानदार एवं अपराधियों के खिलाफ सख्त छवि के अनुरुप अब तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए टीम को पूरे मामले को जल्द से जल्द ओपन करने के लिए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

पुलिस टीम द्वारा नए मकान मालिक से मिले संदिग्ध मोबाइल नम्बर के आधार पर मृतक की मां की तलाश एवं शव सम्बन्धित पड़ताल की गई तो सारा मामला धीरे-धीरे खुलकर पूरी तरह से सामने आ गया। विवेचना में सामने आए सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल पुलिस लाइन रोशनाबाद हरिद्वार में तैनात 01दरोगा व 02 अन्य को दबोचा।

प्रकरण में अन्य की संलिप्तता की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम पकड़ में आए हत्यारोपियों शहजाद पुत्र शऱाफत निवासी- ग्राम अकबरपुर झौझा थाना झबरेडा जिला हरिद्वार ।,विनोद उर्फ काला पुत्र अमर सिंह निवासी सराय ज्वालापुर।,छुन्ना सिंह पुत्र श्री भोलानाथ निवासी- ग्राम राठा पोस्ट मसूदपुर थाना अछला जिला औरेया उ0प्र0 व हाल निवासी-हनुमान नगर गली नं0-02 थाना ऐत्माददौला आगरा जनपद आगरा उ0प्र0।

से पूछताछ के आधार पर महिला का शव बरामद करने का प्रयास कर रही है हत्यारोपियों द्वारा पुलिस कों बताया गया कि उन्होंने उसके बेटे के शव से अलग कहीं दूर फेंका था।

ये था पूरा मामला-

बिना पति अपने बेटे नरेन्द्र उर्फ राजा का पालन पोषण कर रही कांठ मुरादाबाद निवासी दृष्टिहीन ममता ने वहां की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर रोजगार की तलाश में करीब डेढ़ साल पहले हरिद्वार का रुख किया और प्रॉपर्टी बेचकर आए रुपयों से रोशनाबाद हरिद्वार में 01 मकान खरीदा। यहां रोजगार की तलाश के दौरान ममता पुलिस लाइन रोशनाबाद में तैनात एक दरोगा और एक अन्य व्यक्ति शहजाद के सम्पर्क में आयी।

दोनों ने उसे भरोसे में लेकर प्रॉपर्टी बेचने के लिए उकसाते हुए ये आश्वासन दिया कि वो उसकी देखभाल के साथ-साथ पूरा खयाल रखेंगे। इस बात पर भरोसा कर महिला ने रोशनाबाद स्थित अपने मकान का सौदा 20 लाख रुपए में तय कर मकान बेच दिया जिसमें से 01लाख रुपए की पेमेंट होनी बाकी थी। बड़ी नगदी हासिल करने का लालच और ऊपर से दृष्टिहीन महिला के परिजनों का डर न होने के चलते दोनों हत्यारोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ महिला और उसके बेटे को रास्ते से हटाकर पूरी रकम ऐंठने का प्लान बना दिया और सही मौके का इंतजार करने लगे।

9 फरवरी को प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना जब महिला अपने मकान का कब्जा नए मकानमालिक को देकर बचे हुए 01 लाख रुपये भी ले चुकी थी। योजना के मुताबिक मां-बेटे को अपने बुलाए गए ऑल्टो कार में बैठाकर ले जाया गया और मौका मिलते ही गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद प्रकरण को बड़ी सनसनी बनने से रोकने के लिए दोनो शवों को अलग-अलग स्थानों पर लावारिस हालत में फेंक दिया गया।

पुलिस टीम ने बंटवारे में आयी रकम से खरीदी गई ऑल्टो कार बरामद करने के पश्चात अब हिस्से में आए शेष नगदी एवं अन्य सामान की रिकवरी के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयास कर रही है।इस ईमानदार पेशकश को आमजन की भरपूर सराहना मिल रही है। साथ ही आमजन एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल की नेतृत्व क्षमता एवं शीशे की तरह साफ-सुथरी कार्यशैली को भी पूरी तरह अपना जनसमर्थन दे रहे हैं।

पुलिस टीम थाना झबरेड़ा– स्वप्न किशोर सिंह (पुलिस अधीक्षक ग्रामीण), विवेक कुमार (क्षेत्राधिकारी मंगलौर), अंकुर शर्मा- (थानाध्यक्ष झबरेडा),उ0नि0 नीरज रावत (चौकी प्रभारी लखनौता) व
रविन्द्र कुमार,हे0का0 रामवीर सिंह, विकास, रणवीर सिंह

एस0ओ0जी0 रूडकी टीम-निरीक्षक रविन्द्र शाह (एस0ओ0जी0 प्रभारी रूडकी),उपनिरीक्षक रमेश सैनी, काँस्टेबल अशोक, रविन्द्र खत्री,राहुल, नितिन, महिपाल

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