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गर्लफ्रेंड को लुभाने और इम्प्रेस करने के चक़्कर मे बन बैठे डीएसपी, काले जूतों से खुल गया भेद

NEWS / THE POLICE TODAY

मामला झुंझुनूं जिले के कोतवाली थाना इलाके का है। जहाँ पुलिस ने एक ऐसे सिरफिरे आशिक को गिरफ्तार किया है जो सिपाही या एस आई नही बल्कि सीधे बन गया डीएसपी, बस गलती ये कर बैठे की लाल ब्राउनिस के स्थान पर  काले जूते पहन बैठे,

बता दें की इस नकली डीएसपी को थाना इलाके के इंदिरा नगर से पुलिस ने गिरफ्तार किया।कोतवाली पुलिस द्वारा डी गई जानकारी मे मालूम हुआ की रात 8 बजे थाना इलाके के इंदिरा नगर में धन्वंतरि हॉस्पिटल के पास सार्वजनिक पार्क के पास बिना नंबर की बाइक पर बैठे ये नकली डीएसपी साहब किसी का इंतजार कर रहे थे । बाइक पर पुलिस का स्टिकर भी लगा था जिसे देखकर स्थानीय लोगों को थोड़ा शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को भी सूचना दे दी।

सूचना के मुताबिक आरोपी कई दिन से इलाके में वर्दी पहन कर बिना नंबर की बाइक लेकर घूम रहा था।

किसी स्थानीय की सूचना पर गस्ती पुलिस मौक़े पर पहुंची और डीएसपी साहब का हाल चाल पूछ लिया, बस इतने मे ही डीएसपी साहब रौब झाड़ने के बजाय पसीना पसीना हो गये,उनके चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी। जिसके साथ ही किसी तरह वहाँ से निकलने की कोशिश मे लग गये, लेकिन खेल असली और नकली पुलिस का था इसलिए किसी का वहाँ से निकलना तो मुमकिन नही रहा

असली पुलिस ने उससे नाम पूछा तो बताया कि मैं निशांत हूं। डिप्टी  हूं। पूछा कौन से इलाके के डिप्टी हो ज़नाब तो जवाब नहीं दे पाये । आई कार्ड मांगा तो वह भी नहीं था।  बाइक के कागज मांगे तो वे भी नहीं थे। जूते जनाब के काले थे, साथ मे एक बैग भी था जिसकी तलाशी ली तो अन्य वर्दी भी मिली, जिस पर नेमप्लेट के साथ थ्री स्टार लगे थे।

उसके बाद डीएसपी साहब को कोतवाली लाकर सख्ती से पूछताछ हुई तो मामला आशिकी का निकला, उसने बताया- मेरा नाम निशांत मील (24) पुत्र राजेंद्र मील है। मैं बाकरा गांव (झुंझुनूं) का रहने वाला हूं। गर्लफ्रेंड पर इंप्रेशन जमाने के लिए मैं पुलिस की वर्दी में डीएसपी बनकर घूम रहा था। मैं ग्रेजुएट हूं, बेरोजगार हूं और गांव में रहकर कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा हूं। पिता राजेंद्र मील किसान हैं।

डीएसपी साहेब ने वर्दी तो पहन ली लेकिन नियम मालूम नही थे 

एएसआई मुलायम सिंह ने बताया- फर्जी डीएसपी बनकर घूम रहा निशांत पुलिस के नियम नहीं जानता था। पुलिस का वर्दी और पोशाक का नियम होता है। पुलिस के उच्च अधिकारी कभी काले रंग के जूते नहीं पहनते। उनके जूतों का रंग लाल (गहरा भूरा) होता है।

डीएसपी की वर्दी पर कभी थ्री स्टार नहीं होते। डीएसपी की वर्दी पर बाजू पर आरपीएस लिखा होता है। निशांत ने वर्दी तो सिलवा ली लेकिन उस पर तीन स्टार लगा लिए और राजस्थान पुलिस लिखवा रखा था। ऐसा नहीं होता। बात करते हुए वह घबरा रहा था। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। इससे वह पकड़ में आ गया।

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