रोशनाबाद जगह जगह खुल चुके सैकड़ो अवैध मेडिकल व क्लीनिक, डॉक्टर कहें या मौत के व्यापारी ?
THE POLICE TODAY
रोशनाबाद में अवैध मेडिकल व झोलाछाफ डॉक्टर, हर बीस कदम कि दुरी पर बैठे यें मौत के सौदागर,
रोशनाबाद एक ऐसा क्षेत्र बन चूका है जहाँ ऐसे बहुत से अवैध कारोबार है। जिनसे दस कदम कि दुरी पर बैठा हरिद्वार प्रसाशन भी अनजान है। हालाकी यें बात कितनी सच है यें तो यें अवैध कारोबार करने वाले और प्रसाशनिक अधिकारी ही जानते है। लेकिन आपको बताना चाहेंगे कि जिस क्षेत्र में यें अवैध मेडिकल और झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ लोगो कि जान से खिलवाड़ कर रहे है उसकी दुरी निकट प्रसाशन से मात्र व लगभग 2 किमी कि ही है।
और मजे कि बात तो यें है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय तो चंद कदमो कि दुरी पर ही है। जो प्रसाशन कि इस पूरी व्यवस्था कि पोल खोल रहा है।
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में घनी आबादी है। जिस कारण यहां ऐसे बहुत से मेडिकल खुल चुके है। जो अवैध रूप से कार्य कर रहे है। यदि स्वास्थ्य विभाग ईमानदारी से इनकी जांच पर उतर जाता है।तो निश्चित रूप से 50% मेडिकलो पर ताला लगना लाजमी है। हालाकी कुछ समय पहले ज़ब स्वास्थ्य विभाग कि टीम द्वारा इस क्षेत्र में अवैध मेडिकलो के खिलाफ अभियान छेड़ा था, तब ऐसे बहुत से मेडिकल संचालक भी थे जो अपना धंधा छोड़ व कार्यवाही के डर से भाग खडे हुए। और इस कार्यवाही से स्वास्थ्य विभाग कि चारो और वाहवाही भी हुई। लेकिन ज़ब मामला थोड़ा ठंडा पड़ा तो फिर से मधुमक्खीयों कि भांति इस क्षेत्र में मंडराने लगे।
हर गली में बैठे है झोलाछाप, जो लोगो कि जान से कर रहे खिलवाड़,
इस क्षेत्र में अधिकतर लोग औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल में कर्मचारी है जो कम वेतन में अपनी गुजर बसर कर रहे है। या यूँ कहे कि अधिकतर गरीब लोग किराए पर निवास कर रहे है। जो बड़ी छोटी बिमारी पर महंगे चिकित्स्कों के पास जाने से घबराते है। ऐसे में इलाज अच्छा हो या बुरा बीमार लोग इन झोलाछाप डॉक्टरो को ही MBBS मान लेते है। और इन्ही से इलाज कराते है। परिणाम चाहे जो भी हो।
इन डॉक्टरी करने वाले लोगो के बारे में अगर कहें तो यें सभी बाहरी राज्यों के निवासी है जिनका न तो कोई पुलिस वेरिफिकेशन है और न ही इनके पास वो डिग्री जिसके बाद सरकार मेडिकल खोल क्लिनिक चलाने कि परमिशन देती है।