मेरा कोई बेटा नही कैसे होगा अंतिम संस्कार,उत्तराखण्ड गंगोत्री घूमने आये वृद्ध श्रद्धांलू की मौत पर बोली पत्नी,पुलिसकर्मी बने बेटे,
देवभूमि उत्तराखण्ड मे सम्पूर्ण विश्व से लोग घूमने आते है कोई पिकनिक मानाने आता है तो कोई धार्मिक स्थलों के दर्शन को,अधिकतर तो लोग यहाँ धार्मिक स्थलों पर ही आते है,उनकी व्यवस्थाओं की अगर बात करें तो प्रसाशन लगातार व चौबीस घंटे उनकी मदद के लिए तैयार रहता है,लेकिन फिर भी दुर्भाग्यवस ऐसी घटनाये हो जाती है जहां मित्र पुलिस ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाती नजर आती है,अगर इन स्थानो पर मदद के लिए पुलिस न हो तो निश्चित तौर पर आप किसी न किसी परेशानी मे पड़ ही जाएंगे,
बता दें की पश्चिम बंगाल से अपनी पत्नी व परिचित के साथ गंगोत्री धाम दर्शन को आये 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रद्धालु प्रदीप कुमार की हृदय गति रूकने से मृत्यु हो गई, जिससे उनकी पत्नी व परिचित काफी परेशान हो गए। सूचना मिलते ही उत्तरकाशी पुलिस उनके पास पहुंची और उन्हें सांत्वना दी। उनकी पत्नी ने बताया उनकी कोई संतान नही है और मृत शरीर को वापस पश्चिम बंगाल ले जाने संभव नहीं है। पुलिसकर्मियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए समस्त कार्यवाही कर कल मंगलवार को केदारघाट उत्तरकाशी पर हिन्दु रीति रिवाज से प्रदीप जी का दाह संस्कार किया।