कौन है ये नकली नोट छापने वाले लोग ,महिला समेत तीन को किया गिरफ्तार,एमबीए के बाद शुरू किया नकली नोट छापने का काम,
THE POLICE TODAY
नकली नोट छापना या उनके जरिए लेनदेन करते हुए पाए जाते हैं। ये आईपीसी की धारा 489 में एक दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर आपको दस साल की सजा और जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
शाहिद कपूर की ‘फर्जी’ वेब सिरीज देखकर नकली नोट छापकर बाजार में खपाने के मामले में सेक्टर-63 कोतवाली पुलिस ने एक महिला समेत तीन नटवरलाल को गिरफ्तार किया है।आरोपियों की पहचान बहलोलपुर के शरगून, प्रयागराज के धीरज, अलीगढ़ की कोमल यादव उर्फ प्रिया यादव के रूप में हुई है। कब्जे से 54 हजार रुपये की नकली नोट बरामद हुई है। अधिकतर नोट 100 व 200 के हैं।डीसीपी सेंट्रल नोएडा रामबदन सिंह का कहना है कि एफएनजी तिराहे के पास के सामने से तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर कब्जे से 100 रुपये के 327 नकली नोट (32,700) व 200 रुपये के 107 नकली नोट (21,400), 100 के 23 नोट अधबने नोट, 100 रुपये के नोटों की 10 सीट, 200 रुपये के नोटों की 11 सीट, मोबाइल, प्रिंटर, लैपटाप, ए-4 साइज के सफेद कागज, मेज, कटर, फेवीकोल, कलर्ड ब्लैक इंक, स्केल, स्कूटी बरामद की है।
आरोपितों को शाहखर्ची का शौक है, लेकिन पैसा कहीं से नहीं मिलने पर एक दिन आरोपितों ने शाहिद कपूर की जाली नोटों पर बनी बेव सिरीज फर्जी देखी थी। फिर यूट्यूब पर नकली नोट बनाने का तरीका समझकर कर तीन माह पहले एक कलर प्रिंटर खरीदा, लेकिन वह प्रिंटर जाली नोटों की छपाई का तरीका सीखने में खराब हो गया।
आरोपियों ने फिर गाजियाबाद के एक शिप्रा मॉल से कलर प्रिंटर खरीदकर नकली नोट बनाने की योजना बनाई। आरोपित शुरुआत में 100 व 200 के जाली नोट प्रिंटर के माध्यम से निकालते हैं। नकली नोट में ए-4 साइज के पेपर का इस्तेमाल करते।पहले एक तरफ से फिर दूसरी तरफ से प्रिंट निकालकर फेविकोल से कागज को चिपकाने के बाद कटर से काटकर बराबर करते थे। आरोपित पिछले एक माह से नकली नोट छाप रहें थे। आरोपितों ने 13 हजार रुपये की नकली नोट को बाजारों में चला देने की बात को स्वीकार की है।
एमबीए करने के बाद शुरू किया नकली नोट का धंधा
आरोपित कोमल ने कुछ दिन पहले मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की पढ़ाई पूरी की है। वहीं शरगुन भी स्नातक पास हैं। धीरज कोमल के साथ पढ़ाई कर चुका है। वर्तमान में तीनों बहलोलपुर में आसपास रहते हैं। इसी दौरान कोमल की शरगुन से मित्रता हो गई। जिसके बाद दोनों अमीर बनने के लिए रास्ते तलाशने लगे। धीरज को लालच देकर नकली नोट छापनी शुरु कर दी।
नकली नोट चलाने के लिए बच्चों को लालच
एसीपी सेंट्रल नोएडा अमित सिंह का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। जो नोट प्रतिदिन बनाते थे उनमें से कुछ नोट आपस में बांटकर अपने पास रखते। फिर सब्जी, फल, जूस की ठेली लगाने वाले व्यक्ति, खोखे और परचून की दुकान पर जाकर चलाते थे। आरोपित छोटे बच्चों को 100 व 200 का नोट देकर दुकानों पर भेजते थे। जिससे कोई शक न करे और बच्चे से 20 या 30 रुपये का सामान खाने पीने का मंगाकर बाकी पैसे अपने पास रखते थे।
कोतवाली प्रभारी अमित कुमार मान का कहना है कि आरोपित अमीर बनना चाहते थे। आरोपित गिरोह में शामिल महिला कोमल के जरिये राह चलते लोगों को नशीला पदार्थ सुंघाकर लूट की योजना भी बनाई थी। आरोपितों ने कुछ लोगो की पहचान भी की थी। 500 व 2000 के नकली नोट छापने की योजना भी बनाई थी।इसके लिए कई साफ्टवेयर डाउनलोड किए थे। लेकिन 500 व 2000 के नोट सही से नहीं बना पाए। आरोपित नौकरी लगाने के नाम पर असली मार्कशीट की फोटोकापी में फर्जी नाम और फोटो भी लगाते थे।