जज नें कहाँ इन्हे तब तक फांसी पर लटका कर रखा जाए ज़ब तक इनके प्राण न निकल जाएँ, रूह कंपा देने वाले दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन लोगों को सुनाई सजा,
THE POLICE TODAY
जबलपुर / छोटा सा विवाद बढ़ते बढ़ते किस हद तक चला जाता है इसकी कल्पना करना भी मुश्किल होता है कई बार छोटा सा विवाद जिसका कोई अर्थ भी नही होता वो ऐसे मुकाम पर पहुँच जाता है की सब कुछ बर्बाद हो जाता है
ऐसे ही एक छोटे से मामूली विवाद को लेकर दंपति की चाकू व लाठी से पीटकर निर्मम हत्या करने के आरोपित सभ्य समाज के लिए आतंक के पर्याय बन गए है , जिनके लिए आजीवन कारावास की दंडादेश उपयुक्त नहीं मानी जाती,
जज नें इस मामले मे सजा सुनाते हुए कहा की लिहाजा, इन्हें तब तक गर्दन में फांसी लगाकर लटकाया जाए, जब तक कि इनकी मृत्यु न हो जाए। अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी की अदालत ने इस तल्ख टिप्पणी के साथ रुह कंपा देने व रोंगेटे खड़े कर देने वाले दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले जबलपुर निवासी रवि कुशवाहा, राजा कुशवाहा व विनय कुशवाहा को मृत्युदंड की सजा सुना दी। इसी के साथ दंडादेश को पुष्टि के लिए हाई कोर्ट भेज दिया गया। साथ ही घटना में आहत रुचि को 25 हजार रुपये प्रतिकर राशि दिए जाने की व्यवस्था भी दी।
मामले की ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय कुमार जैन, विशेष लोक अभियोजक कृष्ण गोपाल तिवारी व एजीपी सुशील सोनी ने पक्ष रखा। उन्हाेंने अवगत कराया कि जबलपुर निवासी गोलू कुशवाहा ने 14 जून, 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि आरोपित विनय कुशवाहा, राजा कुशवाहा व रवि कुशवाहा उसके साई नगर रामपुर स्थित घर में बाउंड्री कूदकर अंदर आए। इसके बाद उसकी पत्नी रुचि से गाली-गलौच करते हुए लाठी से मारपीट की। रुचि बचने के लिए दौड़ी। पीछा करते हुए अरोपित विनय ने चाकू से हमला कर जान से मारने की कोशिश की। बीच-बचाव में गोलू कुशवाहा के पुत्र प्रतीक को भी आरोपितों ने चाकू से चोटें पहुंचाईं। इसी बीच पुष्पराज व नीलम बीच-बचाव के लिए आगे आ गए। आरोपितों ने उन दोनों को भी चाकू से घातक चोटें पहुंचाईं। अधिक खून बहने से दोनों की मृत्यु हो गई। लिहाजा, पुलिस ने हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर लिया। मामला कोर्ट आने के बाद अभियोजन की दलीलों से सहमत होकर मृत्युदंड की सजा सुना दी गई। अदालत से इस मामले को विरल से विरलम की श्रेणी में रखकर दंडादेश सुनाया।